फिर क्यों अनसुना करता हूं मैं बस डरा हुआ रहता हूं मैं...! फिर क्यों अनसुना करता हूं मैं बस डरा हुआ रहता हूं मैं...!
ज़िंदगी ने ज़िंदगी भर गम दिए, जितने भी मौसम दिए, सब नम दिए..... ... ज़िंदगी ने ज़िंदगी भर गम दिए, जितने भी मौसम दिए, सब नम दिए..... ...
हर कोई नहीं लिखता, क्योंकि हर किसी की ताकत नहीं कि हर कोई नहीं लिखता, क्योंकि हर किसी की ताकत नहीं कि
सितारों का जहाँ भी तुम, चाँद तारे फूल सभी तुम। सितारों का जहाँ भी तुम, चाँद तारे फूल सभी तुम।
बुने किस्मत ने जो जाले,उन्हीं जालों में उलझा हूँ कहूँ अब किस तरह तेरे, ख्यालों में ही उलझा हूँ कभी ख... बुने किस्मत ने जो जाले,उन्हीं जालों में उलझा हूँ कहूँ अब किस तरह तेरे, ख्यालों म...
इश्क़ दर्द और मेरी शायरी ''कवि अपर्णेय'' इश्क़ दर्द और मेरी शायरी ''कवि अपर्णेय''